प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा- जो जहां है, वो वहीं रुक जाए। लॉकडाउन से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। इसी लॉकडाउन में अपना कर्तव्य निभाने का एक अनूठा मामला सामने आया है। कानपुर में इमरजेंसी सेवा यूपी 112 में तैनात महिला सिपाही मनीषा पवार आकस्मिक अवकाश लेकर अपने घर हापुड़ गई थी। लेकिन, लॉकडाउन के ऐलान के बाद सिपाही ने एडीजी को फोन कर गुजारिश की कि उसे अपने जिले में ही सेवा करने का मौका दिया जाए। सिपाही के जज्बे को देखकर एडीजी ने उसे हापुड़ जिले में संबंद्ध कर दिया है।
सिपाही ने लेटर में लिखी ये बात
अपर पुलिस महानिदेशक के नाम लिखे लेटर में कहा- ''मैं मनीषा पवार जनपद कानपुर नगर में तैनात हूं। मैं 18 मार्च को सात दिन का आकस्मिक अवकाश लेकर अपने गृह जनपद पिलखुआ, हापुड़ आई थी। लेकिन, 22 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉक डाउन लग गया है। ऐसी हालत में ड्यूटी पर आने में असमर्थ हूं। लेकिन इस आपातकाल के समय में मैं अपने कर्तव्य को पूर्ण करना चाहती हूं। महोदय, मेरी ड्यूटी हापुड़ में यूपी 112 में नियुक्ति (आपातकाल स्थिति तक) करने की कृपा करें। ''
ऐसे ही अपने सिपाहियों से जीतेंगे कोरोना की जंग
एडीजी असीम अरुण ने कहा- सिपाही की बात सुनकर इस कठिन समय में मुझे सूरज की किरण दिखी, अपने युवाओं पर विश्वास बढ़ा है। मैंने उसे हापुड़ में लॉकडाउन तक के लिए संबद्ध कर दिया है। मुझे पूरा विश्वास है कि मनीषा और उस जैसे युवा कोरोना की लड़ाई डट कर लड़ेंगे। मनीषा को मेरा- जय हिन्द। ऐसे पुलिस कर्मियों के आगे से हम कोरोनो वायरस जैसी महामारी से लड़ाई की जंग जरूर जीतेंगे।